प्रयागराज महाकुम्भ
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुम्भ का श्री गणेश 13 जनवरी सोमवार को गंगा,यमुना,सरस्वती के संगम तठ पर हुआ। पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ श्रद्धालू काल्पवास शुरू हुआ। इस बार 10 लाख से ज़्यदा श्रद्धालू काल्पवाश किये तथा काल्पवाश 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के स्नान के साथ समाप्त होगा, वही कुम्भ का अंतिम स्नान 26 फेरवरी को होगा।
जिसमे भाग लेने के लिये देश- विदेश से लोग आरहे है।

12 वर्ष पर आयोजित होने वाला कुम्भ का पहला अमृत स्नान मगलवार को मकर संक्रन्ति पर हुआ।
इसमें सभी आखाड़े भब्यता के साथ संगम में डुबकी लगाई, श्रद्धालू के स्वगत में प्रयागराज शहर सहित पूरा मेला छेत्र सजा हुआ है।
महाकुम्भ में सुरक्षा : व्यवस्था।
पुरे मेले में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस बार प्रशासन ने ऐसी व्यवस्था की है,की संगम नोज (मुख्य घाट ) पर हर घंटे 2 लाख श्रद्धालू स्नान कर सकेंगे, तथा अखाड़ों के स्नान के लिये अलग रूट बनाया गया है।
कुम्भ स्नान से नष्ट होते है जन्म जन्मानंतर के पाप :
जगद गुरु शंकराचार्य : हर सनातन धार्मिक के जीवन में दो चिझे है – एक पुण्य दूसरा पाप। पुण्य से सुलह मिलते है। और पाप कर्म से दुख। इसलिए वह पाप मिटाने और पुण्य कमाने का प्रयास करता है
पुण्य की इस आकांक्षा की पूर्ति का पर्व है कुम्भ।
संगम में डुबकी लगाने से जन्म जन्मानंतर के पाप नष्ट होते है, यह अवसर भविष्य में गलत कार्यों से बचने का शंकल्प लेने का भी है।
कहा गया है – अन्य छेत्रो के पाप पुण्य छेत्रो में नष्ट होते है, पुण्य छेत्रो के पाप कुम्भकोण में, कुम्भकोण के पाप वरानाशी और सभी स्थानों ले पाप प्रयागराज में स्नान से नष्ट होते है।
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यह ऋषि मुनियो की कही गई अनुभूत बाते है, समान्य स्नान शरीर का मैले धोने के लिये होता है पर तिर्थो पवित्र नदियों का स्नान मन का मैला धोने वाला है, इसलिए कुम्भ स्नान पुण्य के संकल्प और पूरी श्रद्धा से करना चाहिए।
राजशी या अमृत स्नान वाले तीन तीन विशेष पर्व है, पर कुम्भ में पुरे 45 दिन, हर स्नान विशेष है।
कुम्भ में हुई भगदड़।
भीड़ चारो तरफ से फसी तो बिगड़े हालात, हताहतो पर प्रशासन मौन अमावश्या पर हुए हदसो के शिकार परिजन अब भी अपनों के तालाश में भटक रहे। प्रयागराज कुम्भ में मंगलवार को मौनी अमावश्या की रात एक से ढ़ेर बजे के बीच संगम पर 30 श्रद्धालूओ की मौत हुई थी, इसके करीब डेढ़ घंटे के बाद यहाँ से ढाई किलोमीटर दूर झूशी इलाके के सेक्टर 21 में एक और भगदड़ मची लेकिन प्रशासन इसलिए घटना को लेकर खामोश है। सरकार ने मकरे हुये लोगो के लिये 25 -25 लाख का मुवाब्ज़ा देने का ऐलान किया।
इसके जांच के लिये मुख्यमंत्री योगी ने हाई कमेटी SIT का गठन किया जो आज उस जगह की जांच करेंगी कहा भगदड़ मची थी।

गार्ड बोला जो गिर रहा था वो उठ नाही पा रहा था,लोग को बचाया
सेक्टर 21 के उल्टा किला चौराहे पर बने अस्थाई टावर के गार्ड शिव चरण सरोज ने बताया की सुबह 4 बजे लोग संगम से लौट रहे थे झूंशी में भी लोग संगम की तरफ जा रहे थे। भगदड़ मच गई, जो गिरा वो उठ नाही पा रहा था हमने कई लोगो को बचाया, कुछ हताहतो को हल्दीराम के दुकान में रखा, दो लोगो को चारपाई से ले गए।
दर्जनों लापता : खोया पाया केंदो पर अपनों को तलाशने वालो की कतारे।
मौनी अमावश्या के भगदड़ के बाद दर्जनों संख्या में लोग विछर गए, मेले में बने 10 खोया पाया केंदो पर भीड़ है। आँखों में अंशु लिये लोग अपनों को खोज रहे है। लोग मेले में संगम किनारे से लेकर आस पास के हॉस्पिटल जा रहे, कभी पोस्टमार्टम हॉउस, गुरुवार को लाउडस्पीकर से गुम लोगो के नाम पिकारे जा रहे थे। सबसे ज़्यदा खोने वालो में 70 % महिलाये है।
संकराचार्य बोले : सरकार ने झूठ बोला की भगदड़ में मौत नही हुई।
ज्योतिमठ संकराचार्यअविमुकतेशवरानंद सरस्वती ने भगदड़ को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है
उन्होंने कहा – हमें बताया गया था की मामूली घटना हुई है,कोई मौत नाही हुई है।
हादसे के पीड़ित परेशान :स्थानीय लोग कर रहे है मदद।
भगदर में पाती की मौत, समान गुम शव लेजाने के भी पैसा मांगे, महाकुम्भ में भगदड़ के बाद मेले से लौट रहे श्रद्धालूओ की मदद के लिये प्रयागराज के लोग आगे आये है, कोई बिछरे लोगो को मिलवाने में मदद कर रहा है तो कोई श्रद्धालुओं की खाने पिने की नास्ता के प्रबंध में लगा है। इलहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र बुधवार के रात से ही श्रद्धांलुओं के व्यवस्था

मेरा नाम अनमोल चौधरी है। मैं बिहार से हूँ और नयी जॉब्स ताज़ा खबरे, ट्रेंडिंग न्यूज़ आदि के बारे में लिखना सबसे ज्यादा पसंद है। मैं करीब 5 साल से ब्लॉगिंग कर रहा हूँ। जिसकी वजह से मुझे दूसरों से ज्यादा जानकारी है, जिसे मैं ब्लॉग के जरिए लोगों तक नयी नयी जॉब्स ताज़ा खबरे, ट्रेंडिंग न्यूज़ के तथा दुनिया भर की सभी खबरे a2znewshub.site पर ब्लॉग्गिंग के माध्यम से आप सभी तक पहुँचाता हूँ।